INDIA :कतर की कैद से छूटकर भारत लौटे भारतीयों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए
कतर में कैद से छूटकर लौटे भारतीयों ने लगाए भारत माता की जय के नारे, पीएम मोदी के लिए कही ये बात
नई दिल्ली: कतर में जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए गए सात भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया गया है। रविवार देर रात विदेश मंत्रालय ने बताया था कि सभी आठ नागरिकों को कतर ने रिहा कर दिया है, हालांकि अभी सात ही भारतीय वापस आए हैं।
कतर में जासूसी के आरोप में कैद आठ भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया गया है। रिहाई के बाद इन नागरिकों ने भारत वापसी पर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की।
18 महीने का इंतजार:
इन नागरिकों में से एक ने कहा, “हमने भारत वापस आने के लिए 18 महीने तक इंतजार किया है। हम इसके लिए प्रधानमंत्री को अपना आभार व्यक्त करते हैं। मामले में उनके सपोर्ट के बिना और कतर के साथ उनके संबंध के बिना यह मुमकिन नहीं था। हम तहे दिल से भारत की सरकार का शुक्रियाअदा करते हैं क्योंकि उनके सपोर्ट के बिना हम आज यहां नहीं होते।”
पीएम मोदी का हस्तक्षेप:
एक अन्य नागरिक ने कहा, “मोदी जी के हस्तक्षेप के बिना यह संभव नहीं था। उन्होंने हमारी रिहाई के लिए बहुत प्रयास किए।”
बाद में मौत की सजा माफ कर दी गई
हालाँकि, भारत को हाल ही में एक कूटनीतिक सफलता मिली जब कतर ने आठ अधिकारियों की मौत की सजा को कम कर दिया। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी थी. आपको बता दें, दुबई में COP-28 सम्मेलन के इतर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के बीच बैठक के चार सप्ताह के भीतर इसकी घोषणा की गई थी। 1 दिसंबर को मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि उन्होंने आमिर से कतर में रहने वाले भारतीय समुदाय के बारे में बात की है. माना जा रहा है कि इस दौरान नौसैनिकों का मुद्दा भी उठाया गया होगा.
मामले की जानकारी:
इन आठ भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में कतर में गिरफ्तार किया गया था। उन पर एक सऊदी अरब के नागरिक की जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। कतर की एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में कम करके 25 साल की कैद कर दिया गया था।
भारत सरकार की कोशिशें:
भारत सरकार ने इन नागरिकों की रिहाई के लिए लगातार प्रयास किए थे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मामले को कतर के विदेश मंत्री के साथ उठाया था।
रिहाई के बाद:
इन नागरिकों को रिहा कर दिया गया है और वे भारत वापस आ गए हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों से मिलने के लिए उत्साहित हैं।
यह घटना भारत सरकार की कूटनीतिक सफलता को दर्शाती है। प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप और विदेश मंत्रालय के प्रयासों से इन नागरिकों की रिहाई संभव हो पाई।